THE BASIC PRINCIPLES OF SHIV CHALISA LYRICS IN PUNJABI

The Basic Principles Of shiv chalisa lyrics in punjabi

The Basic Principles Of shiv chalisa lyrics in punjabi

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काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥

भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥

अर्थ- हे प्रभू आपके समान here दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

भगवान शिव की महिमा का बखान करने के लिए अनेकों अष्टकों की रचना हुई है, जिनमें  शिवाष्टक, लिंगाष्टक, रूद्राष्टक, बिल्वाष्टक काफी प्रसिद्ध हैं, जिसमें शिवाष्टक का विशेष महत्व है।

O Superb Lord, consort of Parvati That you are most merciful . You always bless the very poor and pious devotees. Your lovely form is adorned with the moon on Your forehead and on the ears are earrings of snakes’ hood.

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